दुजाना के नि:शुल्क जांच शिविर में 240 लोगों ने कराई स्वास्थ्य जांच आयुष विभाग ने मुफ्त में दी जरुरतमंदों को दवाई
240 people got their health checkup done in the free checkup camp of Dujana. AYUSH department gave free medicines to the needy.
बेरी।धनुर्धर धानक समाज जिला झज्जर व इंडियन जागृति मंच के संयुक्त तत्वावधान में क्षेत्र के गांव दुजाना में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। आयुष विभाग के सहयोग से गांव की धानक चौपाल में प्रातः दस बजे से शुरू हुए शिविर में आयुष विभाग की पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर ज्योति ने अपनी टीम के साथ सेवाएं दीं। आयोजन सदस्य राजेंद्र सिंह फौजी ने बताया कि डॉ ज्योति व आयोजन सदस्यों महिला एवं पुरुषों ने आयुर्वेद के जनक धनवंतरी महाराज की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए।शिविर में आने वाले करीब 240 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। डॉक्टर ज्योति ने बताया कि दोपहर बाद करीब चार बजे तक चले इस शिविर में स्वास्थ्य जांच कराने वालों में अधिकांश त्वचा रोग, एलजीं, खांसी-जुकाम, जोड़ दर्द व नेत्र रोग आदि से संबंधित लोग शामिल रहे। इस दौरान जरुरतमंदों को आयुष विभाग की ओर से निःशुल्क दवाओं का वितरण भी किया गया। धनुर्धर धानक समाज जिला झज्जर व इंडियन जागृति मंच सदस्यों द्वारा डॉक्टर ज्योति व टीम सदस्य दीपक व कर्ण का फूलमालाओं से स्वागत किया गया। धनुर्धर धानक समाज की महिलाओं ने डॉक्टर ज्योति का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया ग्रामीणों ने शिविर की सराहना करते हुए कहा कि लोगों की सुविधा के लिए भविष्य में भी इस प्रकार के शिविरों का आयोजन समय-समय पर होते रहना चाहिए। इस मौके पर इंडियन जागृति मंच के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष चैनसुख गुरहिया, बलराज सिंघल, धनुर्धर धानक समाज से महेंद्र सिंह ठेकेदार पूर्णमल, नरेश कलाकार, डब्बू इंदौरा, सुरेश मिस्त्री, ब्रह्मानंद इंदौरा, प्रवीण निनानिया, सेवानिवृत्त थानेदार नफेसिंह सहित अन्य भी मौजूद रहे। बिजली गुल होने के कारण रही परेशानी स्वास्थ्य जांच शिविर के समय चौपाल में बिजली आपूर्ति व्यवस्था बंद होने के कारण डॉक्टर टीम सदस्यों व ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जहां चिकित्सकीय टीम का पसीने के कारण बुरा हाल रहा वहीं अपनी स्वास्थ्य जांच कराने आए ग्रामीण भी पसीने से तर-बतर कतारबद्ध दिखाई दिए। ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव में बिजली आपूर्ति व्यवस्था का बुरा हाल है। सुबह शिविर शुरू होने के समय करीब दस बजे ही गांव में बिजली चली गई जो देर शाम तक नहीं आई। ग्रामीणों द्वारा अपने स्तर पर संबंधित अधिकारियों से भी दो घंटे के लिए बिजली आपूर्ति चालू करने की गुहार भी लगाई गई लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। ग्रामीणों के अनुसार मुगलकाल में एक ऐसा भी समय था जब लाइट के मामले में दुजाना गांव रात को भी जगमग रहता था।