‘फिच’ ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था का लोहा माना: आईसीसीआई
Fitch has also acknowledged the strength of Indian economy: ICCI
फिच ने बढ़ाया भारत के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान, FY25 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर किया 7.2 फीसदी
नई दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत प्रसार जारी रहने का अनुमान फिच रेटिंग्स ने लगाया है. जहां एक ओर वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (फिच) ने भारत के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाया है, तो वहीं चीन की जीडीपी ग्रोथ को कम किया गया है. फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है. वहीं मार्च में फिच रेटिंग्स ने सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. रेटिंग एजेंसी ने उपभोक्ता खर्च में सुधार और निवेश में वृद्धि का हवाला देते हुए अनुमान में संशोधन किया। वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए फिच ने क्रमशः 6.5 फीसदी और 6.2 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है. भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट पर इंटीग्रेटेड चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईसीसीआई) के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अनुपम चौकसे कहते हैं कि कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का अनुमान वित्त वर्ष 2025 के लिए बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया गया है. इससे पहले के एजेंसी ने 6.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था. कारोबारियों और ग्राहकों का भरोसा टिकाऊ स्तर पर बरकरार रहने के बीच घरेलू मांग, खासकर निवेश अर्थव्यवस्था की वृद्धि का मुख्य चालक होगा. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक कम अवधि के हिसाब से वृद्धि, अर्थव्यवस्था की अनुमानित क्षमता को पीछे छोड़ देगी. ऐसे में वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि दर में बड़ा सुधार होगा. फिच ने अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा कि हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.2 फीसदी की मजबूत वृद्धि होगी।
आपको बता दें फिच का अनुमानa आरबीआई के अनुमान के अनुरूप है. आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में अनुमान लगाया था कि ग्रामीण मांग में सुधार और मुद्रास्फीति में नरमी से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि निवेश में वृद्धि जारी रहेगी, लेकिन हाल की तिमाहियों की तुलना में यह वृद्धि धीमी रहेगी, जबकि उपभोक्ता विश्वास बढ़ने के साथ उपभोक्ता खर्च में सुधार होगा. क्रय प्रबंधकों के सर्वेक्षण के आंकड़े चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में निरंतर वृद्धि की ओर इशारा करते हैं. इसने कहा कि आने वाले मानसून के मौसम के सामान्य रहने के संकेत वृद्धि को बढ़ावा देंगे और मुद्रास्फीति को कम अस्थिर बनाएंगे. हालांकि हाल ही में भीषण गर्मी ने जोखिम उत्पन्न किया है। गत वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी बढ़ी थी।