बिजली सुधारों में हरियाणा आगे: एचईआरसी चेयरमैन
Haryana ahead in power reforms: HERC Chairman
चंडीगढ़,हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के चेयरमैन नंद लाल शर्मा ने रविवार को कहा कि ओडिशा के बाद हरियाणा भारत में बिजली सुधारों में महत्वपूर्ण प्रगति करने वाला दूसरा राज्य है। एचईआरसी का गठन 16 अगस्त 1998 को किया गया था।रविवार को एचईआरसी के स्थापना दिवस पर पंचकूला कार्यालय में निकाय के अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए चेयरमैन शर्मा ने बताया कि पहले राज्य बिजली का प्रबंधन बोर्ड के माध्यम से करते थे। उन्होंने कहा कि इन बोर्ड को वितरण, उत्पादन और पारेषण के लिए अलग-अलग निगमों में पुनर्गठित किया गया।
शर्मा ने कहा कि बिजली विनियमन एक समवर्ती सूची का विषय है, जो केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को उपभोक्ता संरक्षण के लिए कानून बनाने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि इस पुनर्गठन से बिजली सेवाओं में सुधार के लिए आवश्यक क्षेत्रों में केंद्रित निवेश संभव हुआ है।शर्मा ने समय पर सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए बिजली की जरूरतों के सटीक पूर्वानुमान के महत्व की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा, ‘बिजली उपभोक्ताओं के हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं।’एचईआरसी वित्तीय रूप से स्वतंत्र है और सरकारी सहायता पर निर्भर हुए बिना वेतन के लिए अपने कोष का प्रबंधन करता है। शर्मा ने वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) याचिकाओं को संभालने में एचईआरसी की दक्षता की भी प्रशंसा की।ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के हाल के एक दस्तावेज के अनुसार, एचईआरसी ने हरियाणा बिजली उत्पादन निगम (एचपीजीसीएल) के लिए 69 दिनों में, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (एचवीपीएन) के लिए 84 दिनों में और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन) के लिए 98 दिनों में शुल्क आदेश जारी किए। यह विद्युत अधिनियम 2003 द्वारा निर्धारित 120-दिवसीय समय सीमा के भीतर है।