चिपमेकर्स की दुनिया का बड़ा खिलाड़ी बनेगा भारत: ICCI
India will become a big player in the world of chipmakers: ICCI

नई दिल्ली. भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में ताइवान और चीन का दबदबा खत्म
करने को तैयार है. आपको बता दें अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने करीब 1.26 लाख करोड़
रुपये के निवेश वाली तीन और सेमीकंडक्टर इकाइयों की स्थापना को मंजूरी दी है. सेमीकंडक्टर
के क्षेत्र में असीम संभावनाओं को देखते हुए इंटीग्रेटेड चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
(आईसीसीआई) के डायरेक्टर नीरज कुमार मिश्रा कहते है कि देश में हाल के कुछ सालों में चिप
इम्पोर्ट में बढ़ोतरी दर्ज की है. इसमें 92 फीसदी तक की बृद्धि देखने को मिली है. भारत ने भी
सही समय पर सेमीकंडक्टर मिशन को लेकर सही दिशा में कदम बढ़ाया है. चिप निर्माण में
भारत सरकार निर्भरता घटाना चाहती है. इसमें एजुकेशन इंडस्ट्री भी बढ़ा सहयोग कर सकती है.
सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का एक अहम हिस्सा होता है. आज की दुनिया में
सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल कार से लेकर मोबाइल फोन तक में होते हैं. सेमीकंडक्टर की
मैन्युफैक्चरिंग पर फिलहाल ताइवान दक्षिण कोरिया और चीन का दबदबा है. अब भारत ने इस
सेक्टर में अपना दबदबा बनाने की योजना बनाई है. इसके लिए वह 10 अरब डॉलर का निवेश
कर रहा है. इससे भारत में बेहतरीन डिजाइन वाले सेमीकंडक्टर तैयार हो सकेंगे. इससे ताइवान,
दक्षिण कोरिया और चीन का दबदबा कम होगा और भारत अगले 5 साल में चिपमेकर्स की
दुनिया का बड़ा खिलाड़ी बन जाएगा. डायरेक्टर आईसीसीआई कहते है कि भारत सरकार ने
काफी शानदार पॉलिसीज बनाई हैं, जिससे मैन्युफैक्चरर्स को भारत में नए सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन
प्लांट्स लगाने और इस सेक्टर में निवेश बढ़ाने के लिए भी लुभा रही है. राज्यसभा में हाल ही में
पेश डेटा के मुताबिक, पिछले तीन साल में भारत के चिप इम्पोर्ट में 92 फीसदी की चौंकाने वाली
बढ़ोतरी दर्ज की है. अनुमानों से पता चलता है कि भारत की सेमीकंडक्टर खपत 2026 तक 80
अरब डॉलर और 2030 तक 110 अरब डॉलर से अधिक हो सकती है.
