जल शक्ति मंत्रालय ने दिया मोदी पर खरगे के आरोपों का जवाब

Jal Shakti Ministry responded to Kharge's allegations against Modi

 

नई दिल्ली, सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंगा की सफाई को लेकर की गई टिप्पणी का करारा जवाब देते हुए कहा है कि गंगा नदी में स्वच्छता को लेकर नमामि गंगे नाम से जो कार्यक्रम दस वर्ष पहले शुरु किया उसको वैश्विक मंच पर मान्यता और सम्मान मिला है।

गौरतलब है कि श्री खरगे ने गुरुवार को गंगा की सफाई से संबंधित मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करते हुए कहा था “मोदी जी ने कहा था कि उनको माँ गंगा ने बुलाया है पर सच ये है कि उन्होंने गंगा सफ़ाई की अपनी गारंटी को भुलाया है।”जल शक्ति मंत्रालय ने शुक्रवार को श्री खरगे की इसी टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि गंगा के कायाकल्प में नमामि गंगे कार्यक्रम की सफलता को वैश्विक मंच पर मान्यता मिली है। दिसंबर 2022 में, पारिस्थितिकी तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक ने इसे शीर्ष 10 विश्व बहाली प्रमुख पहलों में से एक के रूप में मान्यता दी। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय जल संघ ने स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन को जलवायु स्मार्ट उपयोगिता का खिताब दिया जिससे कार्यक्रम की सतत जल प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता और मजबूत हुई।

मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने 2014 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरु किया जो गंगा नदी में स्वच्छता बहाल करने के लिए अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी और समग्र पहलों में से एक है। इसका बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदूषण निवारण, पारिस्थितिक बहाली, क्षमता निर्माण और सामुदायिक सहभागिता को एकीकृत करता है, जिसमें नदी की पर्यावरणीय अखंडता और उस पर निर्भर लाखों लोगों की आजीविका दोनों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।सरकार ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम में, मजबूत निगरानी और वित्तीय स्वीकृति तंत्र सहित प्रारंभिक गतिविधियों के पूरा होने के बाद परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी आई है और 2014-15 से 2023-24 तक 20,424.82 करोड़ रुपये के उपलब्ध संसाधनों के मुकाबले कुल 16,648.49 करोड़ रुपये वितरित किए हैं, जो बजटीय प्रावधानों का 82 प्रतिशत है।

नमामि गंगे कार्यक्रम ने प्रदूषण उपशमन में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे 3,446 एमएलडी सीवेज उपचार क्षमता का निर्माण हुआ है, जो 2014 से पहले की क्षमता से 30 गुना अधिक है। एनएमसीजी ने 7-8 वर्षों के भीतर 127 परियोजनाएं और 152 सीवेज उपचार संयंत्र पूरे किए हैं, जो गंगा नदी के प्राचीन गौरव को बहाल करने में उल्लेखनीय प्रगति दर्शाता है।

 

 

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