मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स संगठन का बजट में कच्चे माल पर शुल्क दरें कम करने का सुझाव

Mobile, Electronics Organization suggests to reduce duty rates on raw materials in the budget

नई दिल्ली,मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के शीर्ष निकाय इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने कलपुर्जों के मजबूत पारिस्थतिकी तंत्र के निर्माण को लेकर कच्चे माल पर शुल्क दरें कम करने की मांग की है।आईसीईए ने भारत सहित सात प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं में शुल्क दरों के अध्ययन के आधार पर यह सिफारिश की है।संगठन ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘कच्चे माल पर उच्च शुल्क दरें वृद्धि के उस इंजन को सीमित कर देती हैं जिससे उत्पादन बढ़ता है। कच्चे माल पर उच्च शुल्क दरें निर्यात को कम कर देती है क्योंकि वे मूल्य के लिहाज प्रतिस्पर्धी नहीं रह पातीं और अंतिम उत्पाद, यानी मोबाइल फोन का उत्पादन कम हो जाता है। इस समस्या का समाधान कच्चे माल पर शुल्क दर में कटौती है।’’इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि घरेलू आपूर्ति श्रृंखला विकसित करना बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन सही तरीका उच्च शुल्क दर से बचाव करना नहीं है। बल्कि इसके लिए उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाना होगा और जहां भी कमियां हैं, वहां प्रोत्साहन योजनाएं लाकर उसे दूर करने की जरूरत है।’’आईसीईए ने कहा कि वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) को आकर्षित करने और उत्पादन के पैमाने को बढ़ाने के लिए लागत में उल्लेखनीय वृद्धि करने वाली सभी शुल्क दरों को को शून्य पर लाने की जरूरत है।रिपोर्ट में उत्पाद असेंबल करने में लगने वाले कलपुर्जे और कच्चे माल पर 2.5 प्रतिशत शुल्क दरें हटाने का भी सुझाव दिया गया है।इसमें कहा गया है, ‘‘ये शुल्क दरें किसी उद्देश्य को पूरा नहीं करती हैं। उल्टा यह विनिर्माताओं के लिए लागत, जटिलता और अनुपालन में वृद्धि ही कर रही हैं।’’

उद्योग संगठन ने कहा कि सरकार को बड़े पैमाने पर कलपुर्जों के विनिर्माण को समर्थन देने के लिए दीर्घकालीन नजरिये से उपयुक्त नीति और वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए।

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