मणिपुर में महिला उद्यमिता मंच के माध्यम से तीसरी राज्य कार्यशाला का आयोजन
3rd State Workshop organized through Women Entrepreneurship Forum in Manipur
नई दिल्ली, आयोग ने महिला उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए महिला उद्यमिता मंच (डब्ल्यूईपी) के माध्यम से तीसरी राज्य कार्यशाला मणिपुर में आयोजित की। महिला उद्यमिता मंच और मिजोरम सरकार के सहयोग से आयोजित यह कार्यशाला 27 फरवरी 2025 को मिजोरम विश्वविद्यालय, आइजोल में हुई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना था। इसमें पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।बतौर मुख्य अतिथि मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने उद्घाटन सत्र में कहा, “मिजोरम में महिला उद्यमियों ने उल्लेखनीय क्षमता और लचीलापन दिखाया है, फिर भी पूंजी और बाजारों तक पहुंच जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। मिजोरम बाना कैह हैंडहोल्डिंग स्कीम जैसी पहलों के माध्यम से हम कल्याण-संचालित दृष्टिकोण से सशक्तिकरण-आधारित मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं। जहां व्यक्ति केवल लाभार्थी नहीं हैं, बल्कि राज्य की प्रगति में सक्रिय योगदानकर्ता हैं। मैं अधिक महिलाओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करता हूं, क्योंकि उनका नवाचार और दृढ़ संकल्प मिजोरम के भविष्य को परिभाषित करेगा। सरकार आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की इस यात्रा में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने प्रतिभागियों से डब्ल्यूईपी प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करने और शुरू किए गए सभी कार्यक्रमों से लाभ उठाने का आग्रह किया।मिजोरम सरकार के श्रम, रोजगार कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग मंत्री लालनघिंगलोवा हमार ने कहा कि मिजोरम में महिला उद्यमिता मंच (डब्ल्यूईपी) का शुभारंभ हमारी महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि हमारी महिला उद्यमी वास्तव में इसका लाभ उठाएं, जिससे राज्य में आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता के नए अवसर खुलेंगे।नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के. पॉल ने “विकसित भारत 2047 दृष्टिकोण” के साथ सभा को संबोधित किया, जिसमें भारत के आर्थिक भविष्य को आकार देने में महिला उद्यमियों की भूमिका पर जोर दिया गया।
उन्होंने पूर्वोत्तर में अधिक समावेशी और सहायक उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए स्थानीय प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार की दूरदर्शी पहलों को डब्ल्यूईपी के समर्थन के साथ जोड़कर, हम एक स्थायी और समावेशी वातावरण बना रहे हैं, जहां महिला उद्यमी फल-फूल सकती हैं, अपने व्यवसाय को बढ़ा सकती हैं और भारत के आर्थिक परिवर्तन में योगदान दे सकती हैं।”मिजोरम सरकार के मुख्य सचिव श्री खिल्ली राम मीना ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने में सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला तथा वित्तीय पहुंच, कौशल विकास, डिजिटल साक्षरता और मार्गदर्शन के महत्व पर बल दिया।नीति आयोग की प्रधान आर्थिक सलाहकार और डब्ल्यूईपी की मिशन निदेशक अन्ना रॉय ने कहा, “महिला उद्यमिता मंच (डब्ल्यूईपी) बदलाव के लिए उत्प्रेरक है, जो महिलाओं के लिए एक मजबूत उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज को एक साथ लाता है। वित्त, बाजार, कौशल और मार्गदर्शन तक पहुंच जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करके, डब्ल्यूईपी महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए सशक्त बनाता है।”