महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों और मूल्यों को अपनाने जीवन में अपनाने की जरूरत : राष्ट्रीय सचिव रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) तेजपाल सिंह सहरावत
Adoption of the ideals and values of Maharishi Valmiki in life: National Secretary Republican Party of India (Athawale) Tejpal Singh Sehrawat
संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में सरकारी तौर पर मनाई जाती है सभी संतों की जयंती
मुरादाबाद में बाल्मीकि जयंती में मुख्य अतिथि तेजपाल सिंह सहरावत साथ में कैप्टन इंदिरा समाजसेवी मयंक हंसराज द्वारा वाल्मीकि जयंती का कार्यक्रम किया गया हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया

(अश्विनी वालिया)
दिल्ली राष्ट्रीय सचिव रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) तेजपाल सिंह सहरावत ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों और मूल्यों को हर व्यक्ति को अपने जीवन में अपनाने की जरूरत है। महर्षि वाल्मीकि जयंती एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हमें महान ऋषि और कवि वाल्मीकि के जीवन और कार्यों को याद करने का अवसर प्रदान करती है। यह दिन हमें उनके आदर्शों और मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय सचिव रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) तेजपाल सिंह सहरावत मुरादाबाद पहुचाने पर बाल्मीकि समाज व अन्य समाज के लोगो ने वाल्मीकि मंदिर में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर जोरदार स्वागत किया । राष्ट्रीय सचिव राष्ट्रीय बनने के पहली बार
मुरादाबाद जाने पर भगवान वाल्मीकि की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना की। उन्होंने कहा कि में महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेकर और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए। प्राचीनकाल से ही हमारे समाज और परिवार पर उनके सात्विक और आदर्श विचारों का गहरा प्रभाव रहा है। सामाजिक समरसता पर आधारित उनके वैचारिक प्रकाशपुंज देशवासियों को सदैव आलोकित करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी संत महापुरुषों की जयंती संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में सरकारी तौर पर मनाई जा रही है। ऐसे आयोजन में युवा पीढी को शामिल किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने गुरुओं और महापुरुषों के संदेशों को जान सके और उनसे प्रेरणा ले सके। महर्षि वाल्मीकि जयंती हमें महान ऋषि और कवि वाल्मीकि के जीवन और कार्यों को याद करने का अवसर प्रदान करती है। महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण जैसे महान महाकाव्य की रचना की, जो भारतीय संस्कृति और साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है
उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी की सबसे प्रसिद्ध रचना रामायण है, जो भगवान राम के जीवन और उनके कार्यों का वर्णन करती है। रामायण में 24,000 श्लोक और सात कांड हैं। यह महाकाव्य न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह हमें जीवन के मूल्यों और नैतिकता की शिक्षा भी देता है। भारत हमेशा से ही महान लोगों और विद्वानों का देश रहा है। हमारे देश की इस पवित्र धरती पर कई प्रमुख और महान लोगों ने जन्म लिया है, इसलिए भारत को विद्वानों का देश कहा जाता है। महर्षि वाल्मीकि हमारे देश के उन महानतम लोगों मे से एक थे। वह एक संत थे और वो एक साधारण जीवन और उच्च विचार रखने वाले व्यक्ति थे। वह बहुत ज्ञानी होने के साथ-साथ एक महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि रामायण की पवित्र पुस्तक के लेखक थे। उन्होंने ही रामायण की इस कहानी को अपने शिष्यों, लव और कुश, को सुनाई थी जो कि सीता की संतान थे। राष्ट्रीय सचिव रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) तेजपाल सिंह सहरावत ने वहाँ आए सभी का धन्यवाद किया ।संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में सरकारी तौर पर मनाई जाती है सभी संतों की जयंती
दिल्ली राष्ट्रीय सचिव रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) तेजपाल सिंह सहरावत ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों और मूल्यों को हर व्यक्ति को अपने जीवन में अपनाने की जरूरत है। महर्षि वाल्मीकि जयंती एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हमें महान ऋषि और कवि वाल्मीकि के जीवन और कार्यों को याद करने का अवसर प्रदान करती है। यह दिन हमें उनके आदर्शों और मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय सचिव रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) तेजपाल सिंह सहरावत मुरादाबाद पहुचाने पर बाल्मीकि समाज व अन्य समाज के लोगो ने वाल्मीकि मंदिर में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर जोरदार स्वागत किया । राष्ट्रीय सचिव राष्ट्रीय बनने के पहली बार
मुरादाबाद जाने पर भगवान वाल्मीकि की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना की। उन्होंने कहा कि में महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेकर और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए। प्राचीनकाल से ही हमारे समाज और परिवार पर उनके सात्विक और आदर्श विचारों का गहरा प्रभाव रहा है। सामाजिक समरसता पर आधारित उनके वैचारिक प्रकाशपुंज देशवासियों को सदैव आलोकित करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी संत महापुरुषों की जयंती संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में सरकारी तौर पर मनाई जा रही है। ऐसे आयोजन में युवा पीढी को शामिल किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने गुरुओं और महापुरुषों के संदेशों को जान सके और उनसे प्रेरणा ले सके। महर्षि वाल्मीकि जयंती हमें महान ऋषि और कवि वाल्मीकि के जीवन और कार्यों को याद करने का अवसर प्रदान करती है। महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण जैसे महान महाकाव्य की रचना की, जो भारतीय संस्कृति और साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है
उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी की सबसे प्रसिद्ध रचना रामायण है, जो भगवान राम के जीवन और उनके कार्यों का वर्णन करती है। रामायण में 24,000 श्लोक और सात कांड हैं। यह महाकाव्य न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह हमें जीवन के मूल्यों और नैतिकता की शिक्षा भी देता है। भारत हमेशा से ही महान लोगों और विद्वानों का देश रहा है। हमारे देश की इस पवित्र धरती पर कई प्रमुख और महान लोगों ने जन्म लिया है, इसलिए भारत को विद्वानों का देश कहा जाता है। महर्षि वाल्मीकि हमारे देश के उन महानतम लोगों मे से एक थे। वह एक संत थे और वो एक साधारण जीवन और उच्च विचार रखने वाले व्यक्ति थे। वह बहुत ज्ञानी होने के साथ-साथ एक महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि रामायण की पवित्र पुस्तक के लेखक थे। उन्होंने ही रामायण की इस कहानी को अपने शिष्यों, लव और कुश, को सुनाई थी जो कि सीता की संतान थे। राष्ट्रीय सचिव रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) तेजपाल सिंह सहरावत ने वहाँ आए सभी का धन्यवाद किया ।
