आयुर्वेद और प्रकृति: स्वस्थ जीवन की कुंजी: डॉ विपुल जैन
Ayurveda and Nature: The Key to Healthy Life: Dr. Vipul Jain
नई दिल्ली। डॉ. बी. आर. अंबेडकर सेंटर, जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज के वार्षिकोत्सव ‘मानुस्कि’ के अंतर्गत एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसका विषय “एवर्नेस ऑन आयुर्वेद, हेल्दी लिविंग, एंड कॉन्सेप्ट ऑफ प्रकृति” रहा। इस अवसर पर डॉ. अनुप जैन ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखे।कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. बी. आर. अंबेडकर जी को पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर नरेंद्र सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद और स्वस्थ जीवन शैली हमारे जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं, जिनकी जागरूकता आज के समय में आवश्यक है। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएँ भी दीं।
आयुर्वेद: प्रकृति के साथ संतुलन का विज्ञान डॉ. अनुप जैन ने अपने व्याख्यान में बताया कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक संपूर्ण शैली है। उन्होंने समझाया कि प्राचीन भारत में आयुर्वेद का विकास इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमारे पूर्वजों ने प्रकृति के नियमों को समझकर उनके अनुसार जीवनयापन किया।
उन्होंने वात, पित्त और कफ जैसे शरीर के मूलभूत तत्वों (त्रिदोष) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि इनका संतुलन बिगड़ जाए, तो शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न ऋतुओं में खानपान और जीवनशैली का चयन यदि प्रकृति के अनुरूप किया जाए, तो हम स्वस्थ और दीर्घायु जीवन प्राप्त कर सकते हैं।कॉलेज के डॉ. बी. आर. अंबेडकर सेंटर के संयोजक डॉ. मनीष कुमार ने केंद्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को भारतीय परंपरा और प्राकृतिक जीवनशैली के महत्व से अवगत कराते हैं।इस व्याख्यान में 125 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे। गणित विभाग से डॉ. विपिन कुमार, हितेंद्र कुमार, दशरथ मीणा और डॉ. राज कुमार, रसायन विभाग से डॉ. अंजना, तथा वाणिज्य विभाग से वाणी कन्नौजिया सहित कई प्राध्यापक उपस्थित रहे।