बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थी- डॉ. गोपाल प्रसाद

Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar was a man of multi-faceted personality - Dr. Gopal Prasad

आयुष विवि में डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों की वर्तमान में प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान का आयोजन।

बाबा साहब द्वारा लिखित संविधान भारत देश के लिए अमूल्य धरोहर- प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान

श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में सोमवार को भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों की वर्तमान में प्रासंगिकता विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अंबेडकर अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ. गोपाल प्रसाद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने की। मुख्य अतिथि डॉ. गोपाल प्रसाद ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बालक भीमराव विकट परिस्थितियों में पल-बढ़ कर डॉ. अंबेडकर बने। उनका पूरा जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। मगर उस भारत मां के सपूत ने कभी भी कठिनाईयों के आगे घुटने नहीं टेके, बल्कि प्रतिकूलता को अवसर में बदला। डॉ. भीमराव अंबेडकर को दुनिया संविधान निर्माता और वंचित तबके के एक नेता के रूप में जानती है। मगर बाबा साहब बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। डॉक्टर अम्बेडकर अकेले ऐसे भारतीय हैं जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगाई गई है। इतना ही नहीं उन्हें देश-विदेश में कई प्रतिष्ठित सम्मान भी मिले है। भारतीय संदर्भ में देखा जाए तो आम्बेडकर संभवतः पहले अध्येता रहे हैं। जिन्होंने जातीय संरचना में महिलाओं की स्थिति को समझा। उन्होंने कहा था स्त्रियों की स्थिति उपदेश देकर नहीं सुधरने वाली, उसके लिए कानूनी व्यवस्था करनी होगी। आयुष विवि के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने इस अवसर पर बाबा साहब को नमन करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान भारत देश के लिए अमूल्य धरोहर है। डॉ. अंबेडकर ने ऐसे संविधान की रचना कि जो साध्य है, लचीला है पर साथ ही यह इतना मजबूत भी है, कि देश को शांति और युद्ध दोनों समय जोड़ कर रखने में सक्षम है। कार्यक्रम के अन्त में आयुष विवि के कुलसचिव डॉ. नरेश भार्गव ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों और आयोजक टीम का धन्यवाद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के कार्यों के जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। उनके जीवन का क्षण-क्षण मातृभूमि की सेवा और गरीब लोगों की सेवा में गुजरा है। युवाओं को उनके जीवन को जरूर पढ़ना चाहिए। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना, डॉ. सुधीर मलिक, डॉ. लसीठा, डॉ. सतबीर चावला, डॉ. मोहित, डॉ. ममता राणा, डॉ. सुनिल गोदारा, डॉ. आशीष नांदल और अधीक्षक अरविंद कुमार मौजूद रहे।

 

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