भाजपा के सहयोगी ने जनसंख्या आधारित परिसीमन की मांग की, दक्षिणी राज्यों के विरोध को नकारा

BJP ally seeks population-based delimitation, brushes off opposition from southern states

 

नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को परिसीमन से जुड़े विवादास्पद मुद्दे को लेकर एक नया मोर्चा खोलते हुए मांग की कि लोकसभा की सीट संख्या आबादी के अनुपात में बढ़ाई जाए। उन्होंने इस दृष्टिकोण के खिलाफ दक्षिणी राज्यों की दलीलों को गलत करार दिया।राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बढ़ती आबादी के कारण दक्षिणी क्षेत्र को लोकसभा सीट में उनकी हिस्सेदारी के मामले में लाभ हुआ, जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्यों में इसकी वृद्धि सीमित रही।उन्होंने दावा किया, ‘‘दक्षिणी राज्य अब बिहार और उत्तर प्रदेश को समान लाभ से वंचित करना चाहते हैं। यह ऐसा है जैसे कोई व्यक्ति पहले भोज में खाना खा चुका हो और उसके बाद मांग करने लगे कि कतार में खड़े बाकी लोगों को भोजन नहीं परोसा जाए।’’उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के संविधान में प्रत्येक वोट को समान चुनावी मूल्य दिया गया है और हिंदी भाषी राज्यों के नागरिकों का यह अधिकार है कि उनकी संख्या के अनुसार लोकसभा में सीट आवंटित की जाए।उन्होंने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से आग्रह करूंगा कि वह दक्षिणी राज्यों के दबाव में ना आए और जनसंख्या के आधार पर परिसीमन की कवायद करे।’’

उन्होंने तमिलनाडु, केरल या कर्नाटक जैसे राज्यों की उस दलील को एकतरफा और अनुचित बताया जिसमें कहा गया है कि जनसंख्या के अनुपात में लोकसभा की सीट बढ़ाना उन्हें जनसंख्या नियंत्रण उपायों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए दंडित करने के समान है।

 

 

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