नहीं रहे डिब्रूगढ़ के शिक्षाविद, लेखक मनीराम अग्रवाला 

Dibrugarh's educationist and writer Maniram Agrawala is no more

ऊपरी असम के डिब्रूगढ़ जिले के एक शिक्षाविद , कवि तथा लेखक मनीराम अग्रवाला जी का गत 26 दिसंबर को निधन हो गया | १ अक्टूबर, १९४४ को मध्यवर्गीय वैश्य परिवार में जन्मे श्री मनीराम अग्रवाला गुण, कर्म और स्वभाव से आजीवन अध्ययन और अध्यापन में रत एक सच्चे ब्राह्मण थे।
इन्होंने असमिया भाषा के माध्यम से धेमाजी हाईस्कूल से मैट्रिक, डिब्रूगढ़ एच० एस० कनोई कालेज से बी० ए० तथा गुवाहाटी विश्वविद्यालय से १९६७ में अंग्रेजी में एम० ए० और १९६९ में एल एल० बी० की परीक्षाएं उत्तीर्ण की। गत कई दशकों से  वेदांत, सांख्य, पातंजल योगदर्शन, भगवद्गीता, प्रमुख उपनिषदों, बुद्ध और महावीर के प्रवचनों के अतिरिक्त संत-साहित्य का भी गहन अध्ययन, मनन एवं अनुशीलन करते रहे । परम सत्य को उपलब्ध होना ही इनके जीवन की एकमात्र प्रतिबद्धता रही है।
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित इनके निबन्धों में असमिया में लिखित ‘सुखर पाछ खेदि’, ‘धर्म आरू विज्ञानर संश्लेषणात्मक उ विश्लेषणात्मक अवस्थान’, ‘श्री माधवदेवर प्रथम घोषा दुफाँकिः एटि अध्ययन’ तथा अंग्रेजी में लिखित ‘Dissolution of Contradictions’ प्रमुख हैं। हिंदी कविताओं वो क्षेत्र में ‘आत्मबोध’ इनका पहला प्रयास था | १९८२ से १९८६ तक श्री अग्रवाला डिब्रूगढ़ के डा० आर० के० बी० लॉ ‘ कालेज में प्रिंसिपल रहे और नवम्बर १९८७ से २००१ तक डी ० एच० एस० के० लॉ कालेज में प्रिंसिपल के पद पर भी रहकर इन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वाह किया । मनीराम अग्रवाला जी असम साहित्य सभा की स्वर्णिम इकाई ” लूइतपोरिया स्वर्ण शाखा साहित्य सभा, डिब्रूगढ़ ” से भी जुड़े हुए थे | इन्होंने कई सालों तक शाखा से जुड़कर शाखा के कार्यों में अपना बहुमूल्य मार्गदर्शन तथा सहयोग दिया | श्री अग्रवाला समाज ने समाज की विभिन्न संस्थाओं में संविधान विशेषज्ञ के रूप में भी अपना योगदान दिया | श्री अग्रवाला के चले जाने से सभी मर्माहत है ,  डिब्रूगढ़ मारवाड़ी समाज ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है | साथ ही ” लुइतपोरिया स्वर्ण शाखा साहित्य सभा ” , श्री विश्वनाथ मारवाड़ी दातव्य औषधालय एवं समाज की अन्य संस्थाओं ने भी उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है | श्री अग्रवाला अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए है | आज शहर के चौकीडिंगी श्मशान में उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ |
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