एजुकेट गर्ल्स बनी 2025 रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड पाने वाली पहली भारतीय संस्था
Educate Girls became the first Indian organization to receive the 2025 Ramon Magsaysay Award
नई दिल्ली, भारत की प्रमुख सामाजिक संस्था एजुकेट गर्ल्स को 2025 का रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया हैं। एशिया का यह सर्वोच्च सम्मान पहली बार किसी भारतीय संस्था को मिला है। यह पुरस्कार एजुकेट गर्ल्स को बालिकाओं एवं युवतियों की शिक्षा के समाज की अतार्किक सांस्कृतिक धारणाओं को चुनौती देने, उन्हें निरक्षरता से मुक्त करने और उन्हें कौशल, हिम्मत और आत्मनिर्भरता देने के लिए दिया गया है। एजुकेट गर्ल्स संस्था अब उस गौरवशाली पंक्ति का हिस्सा बन चुकी है, जिसमें सत्यजीत रे, एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी, किरण बेदी, विनोबा भावे, दलाई लामा, मदर टेरेसा और ऑस्कर विजेता हायाओ मियाज़ाकी जैसी विश्वप्रसिद्ध विभूतियां शामिल हैं।
एजुकेट गर्ल्स की संस्थापक सफीना हुसैन ने कहा, “यह उपलब्धि हमारी टीम, बालिका स्वयंसेवकों, पार्टनर्स, समर्थकों और सबसे बढ़कर उन बच्चियों के नाम है, जिन्होंने अपनी सबसे बड़ी ताकत, शिक्षा को फिर से हासिल किया। आने वाले दस वर्षों में एजुकेट गर्ल्स एक करोड़ से भी ज़्यादा शिक्षार्थियों तक पहुंचने का लक्ष्य रखता है। भारत के इस मॉडल को अब दुनिया के अन्य हिस्सों में भी साझा करने की योजना है ताकि हर बच्ची को शिक्षा का हक मिल सके। हमें पूरा यकीन है कि जब एक लड़की पढ़ती है, तो उसका असर सिर्फ उसकी ज़िंदगी तक सीमित नहीं रहता बल्कि वह अपने साथ पूरे समाज को आगे बढ़ाती है।”
एजुकेट गर्ल्स की सीईओ गायत्री नायर लोबो ने कहा, “हमारे लिए शिक्षा सिर्फ़ विकास का साधन नहीं, बल्कि हर लड़की का बुनियादी अधिकार है। यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार, कॉरपोरेट, डोनर्स और समुदाय मिलकर काम करते हैं, तो गहरी सामाजिक और संरचनात्मक चुनौतियों को बदला जा सकता है। हम भारत सरकार के प्रयासों और सहयोग के लिए आभारी हैं, जिन्होंने इस मिशन को संभव बनाया। साथ ही, मालदीव की शाहिना अली और फिलीपींस के फादर फ्लावियानो विलनुएवा को भी हार्दिक बधाई जिनके काम ने हम सभी को प्रेरित किया है।”
