डिब्रूगढ़ में श्रमण मुनि श्री 108 अरिजित सागर महाराज का भव्य मंगल प्रवेश
Grand Mangal Pravesh of Shramana Muni Shri 108 Arijit Sagar Maharaj in Dibrugarh

पूर्वांचल की धर्म धरा चाय नगरी डिब्रूगढ़ ( असम ) में परम पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य 108 श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्रमण मुनि श्री 108 अरिजित सागर जी महाराज का भव्य मंगल प्रवेश आज दिनांक 18 जुलाई को हुआ | उनके स्वागत में श्री दिगंबर जैन मंदिर पंचायत, ग्राहम बाजार , डिब्रूगढ़ के अंतर्गत मुनि श्री 108 अरिजित सागर पावन वर्षायोग समिति , डिब्रूगढ़ द्वारा एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन शहर के ए. टी. रोड , मारवाड़ी पट्टी स्थित मेसर्स आसाम ऑटो एजेंसी के सामने से किया गया | ज्ञात हो कि मुनि श्री गत 17 जुलाई की शाम को डिब्रूगढ़ पहुंच गए थे तथा उन्होंने समाज के सचिव अनिल बगड़ा के व्यापारिक प्रतिष्ठान मेसर्स आसाम ऑटो एजेंसी में बने शयन कक्ष में रात्रि विश्राम किया | आज सुबह से ही वहां पर समाज के लोगों का मुनि श्री के दर्शन और उनसे आशीर्वाद ग्रहण हेतु आना जाना लगा रहा | समाज के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा मुनि श्री अरिजित सागर जी को श्रीफल भेंट कर श्री दिगंबर जैन मंदिर , ग्राहम बाजार में पधारकर आगामी चातुर्मास करने का न्यौता दिया गया | जिसे मुनिश्री ने सहर्ष स्वीकार किया | इस शोभायात्रा में मुनिश्री के साथ सैकड़ों की संख्या में समाज के सदस्यों ने अंश ग्रहण किया | गाजे बाजे , असमिया गायन बायन इस शोभायात्रा में चार चांद लगा रहे थे | समाज के अध्यक्ष डॉ. महेश कुमार झांझरी समाज के अन्य सदस्यों के साथ अपने हाथों में धर्मध्वजा लेकर शोभायात्रा की अगुवाई कर रहे थे | रास्ते में पड़ने वाले जैन समाज के घरों के सदस्यों ने मुनि श्री के पाद प्रक्षालन ( पांव धोए ) किए तथा आरती उतारी | सभी जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर रहे थे | मुनि श्री के डिब्रूगढ़ आगमन को लेकर समाज के हर वर्ग के लोगों में काफी जोश देखा जा रहा था | महिलाओं , बच्चों , युवाओं सभी काफी उत्साहित दिखाई दिए | जैन मंदिर रोड , ग्राहम बाजार में प्रवेश करते ही विभिन्न वेशभूषाओं से सजी समाज की महिला सदस्यों, बेटियों ने नृत्य कर मुनि श्री का स्वागत किया | मंदिर जी पहुंचने पर श्री दिगंबर जैन मंदिर पंचायत द्वारा मुनि श्री का भव्य स्वागत किया गया | मंगल प्रवेश के पश्चात मंदिर जी के अंदर समाज द्वारा एक धर्म सभा का कार्यक्रम रखा गया | जिसमें मंगलाचरण, भक्ति नृत्य, महाराज श्री का प्रवचन, डाक बोली आदि कई कार्यक्रम हुए ।