वरिष्ठ अधिवक्ता से दुर्व्यवहार के मामले में न्यायालय ने बार के अधिकारियों से पेश होने के लिये कहा
In the case of misbehavior with senior advocate, the court asked the bar officials to appear
नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने गौतमबुद्ध नगर जिला अदालत बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को एक वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ कथित दुर्व्यवहार के मामले में पेश होने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने पिछले साल 21 मार्च को दोनों पदाधिकारियों को अपने सामने पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया।पीठ ने चेतावनी दी कि जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा उसके निर्देश का पालन न करने को गंभीरता से लिया जाएगा।पीठ ने कहा, ‘‘जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन, गौतमबुद्ध नगर के अध्यक्ष और सचिव को नया नोटिस जारी किया जाए, जिसका जवाब 17 फरवरी, 2025 तक दिया जाए। नोटिस गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय के रजिस्ट्रार के माध्यम से दिया जाए।’’पीठ के तीन फरवरी के आदेश में आगे कहा गया, ‘‘नोटिस में आगे कहा जाएगा कि यदि उक्त बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव अगली सुनवाई की तारीख पर इस न्यायालय के समक्ष पेश होने में विफल रहते हैं, तो न्यायालय इस मुद्दे पर विचार करेगा और उक्त बार एसोसिएशन के संबंध में उचित आदेश पारित करेगा।’’शीर्ष अदालत ने गौतमबुद्ध नगर के जिला न्यायाधीश की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रखरखाव के लिए धन की कमी के कारण न्यायालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं।शीर्ष अदालत ने 21 मार्च, 2024 को जिला न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया के साथ कथित दुर्व्यवहार का संज्ञान लिया था। साथ ही यह भी स्पष्ट किया था कि उसने इस घटना को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है और इस तथ्य को भी नजरअंदाज किया है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।
न्यायालय ने जिला न्यायाधीश अमित सक्सेना द्वारा दाखिल रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया है कि जिला न्यायालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब हैं और घटना की फुटेज नहीं मिल पाई है।