ई-कॉमर्स के लिए नियामक नियुक्त करने की जरूरत: भारतीय उद्योग व्यापार मंडल

Need to appoint regulator for e-commerce: Indian Industry Trade Board

 

नई दिल्ली, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नियामक नियुक्त करने और जीएसटी स्लैब की संख्या घटाकर तीन करने का आग्रह किया।बीयूवीएम के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, “सरकार कारोबारी सुगमता पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसमें जीएसटी के कई कर स्लैब का होना एक बड़ी समस्या रही है। इससे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) और व्यापारी समुदाय के लिए समान रूप से चुनौतियां पैदा होती हैं।”गुप्ता ने कहा, “हमने सरकारी अधिकारियों को पत्र लिखकर जीएसटी दरों को तीन स्लैब (शून्य प्रतिशत, पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत) में लाकर युक्तिसंगत बनाने का सुझाव दिया है। अगर इसे स्वीकार कर लिया जाता है तो इससे उच्च जीडीपी वृद्धि का रास्ता साफ होगा।”बीयूवीएम ने ई-कॉमर्स कारोबार में त्वरित लेकिन अनियमित वृद्धि को स्वीकार करते हुए बाजार खराब करने वाले मूल्य निर्धारण को रोकने में मदद के लिए एक नियामक की स्थापना की भी मांग की।उद्योग मंडल ने कहा कि ई-कॉमर्स मंचों पर कीमतें घटाकर बिक्री करने से खुदरा दुकानदारों के लिए समस्याएं पैदा होती हैं। ऐसे में इस क्षेत्र के लिए नियामकीय ढांचा तैयार होने से व्यापारियों को राहत मिलेगी।बीयूवीएम के राष्ट्रीय वरिष्ठ महासचिव मुकुंद मिश्रा ने कहा कि विभिन्न राज्यों में मंडी उपकर में व्यापक अंतर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसे एकसमान करने की जरूरत है।उन्होंने कहा, “यह उपकर आमतौर पर शून्य से चार प्रतिशत के बीच है। सभी राज्यों में एकसमान कृषि मंडी उपकर लगाया जाना चाहिए, जो 100 रुपये पर 50 पैसे का हो। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी किसान और व्यापारी, चाहे कहीं भी हों, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा कर सकें।” उन्होंने कहा कि यह ‘एक राष्ट्र एक बाजार’ की अवधारणा के अनुरूप भी है और राज्य सरकारों के खजाने को बढ़ाने में मदद करेगा।

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