विपक्ष का पूर्वोत्तर को नजरअंदाज करने, तो सत्तापक्ष का अभूतपूर्व विकास का दावा

Opposition ignores Northeast, while ruling party claims unprecedented development

 

नई दिल्ली, विपक्ष ने सरकार पर मणिपुर तथा पूर्वोत्तर राज्यों के प्रति उदानसीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि वहां विकास के नाम पर सिर्फ दावे किये जा रहे हैं और जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो रहा है, जबकि सत्ता पक्ष ने कहा कि मणिपुर ही नहीं पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र पर मोदी सरकार का फोकस है जिसके कारण वहां अभूतपूर्व तरीके से विकास के काम हो रहे हैं लोग इसका पूरा लाभ उठा रहे हैं।लोकसभा में कांग्रेस के गौरव गोगोई ने ‘अनुदानों की अनुपूरक मांगे : वर्ष 2025-26 के लिए मणिपुर राज्य के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांग’ पर हुई सामान्य चर्चा में हिस्सा लेते हुए आज कहा कि पूर्वोत्तर संवेदनशील क्षेत्र है और लोगों की संवेदना वहां से जुड़ी है। मणिपुर में दो साल से बंदूक के नोक पर लोगों का जीवन चल रहा है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। उसको मणिपुर में शांति बहाली के प्रयास करने चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मणिपुर जाना चाहिए और वहां के लोगों की समस्याओं पर विचार करना चाहिए और उसके समाधान के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विपक्ष के सदस्य बार-बार प्रधानमंत्री का अपमान करते हैं। यह गलत परम्परा है और श्री गोगोई को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का सम्मान किया जाना चाहिए और समझना चाहिए कि किसी भी तरह से उन्हें गाली नहीं दी जा सकती है। अध्यक्ष ओम बिरला ने चेतावनी देते हुए कहा कि सदस्यों को इधर-उधर की बातें करने की बजाय नियम के अनुसार सदन में रखे मुद्दे पर बात करनी चाहिए और जो मुद्दे सदन में चर्चा के लिए रखे जाते हैं उन पर ही चर्चा करनी चाहिए। सदस्य यदि विषय से हटकर बोलेंगे तो नये सदस्य को बोलने के लिए बुलाया जा सकता है।

श्री गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री के पुराने भाषणों को देखेंगे तो उन्होंने बार-बार पूर्व प्रधानमंत्रियों का अपमान किया है। उन्होंने अमेरिका के साथ तारीफ का मुद्दा भी उठाया और कहा, “इससे देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। सरकार सिर्फ हैडलाइन पर ध्यान दे रही है जमीन पर क्या हो रहा है इसकी उसे चिंता नही होती है। सरकार को जीएसटी पर सुधार लाना चाहिए लेकिन हैरानी की बात है कि मंदिरों पर भी टैक्स लगाया जा रहा है, स्कूल स्टेशनरी और ड्रेस पर भी जीएसटी लग रहा है और एक तरह से लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। आयकर के मुद्दे को देखें तो सरकार ने एक ही अधिकारी को बहुत अधिक अधिकार दे दिए हैं इसलिए वह हर कम पर लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं छोटे कार्यभारों को और सामान्य लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक में भारत की स्थिति में सुधार की बात कही गई है, लेकिन वास्तविकता अलग है। विनिर्माण घटा है, निजी क्षेत्र का निवेश घटा है और जिन क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिलना चाहिए। उन क्षेत्रों में निजी स्तर पर निवेश नहीं हो रहा है और मध्यम वर्ग को कुछ नहीं मिल रहा है इसलिए यह वर्ग पलायन के लिए मजबूर हो रहा है, बच्चे चीन जा रहे हैं और यूक्रेन में युद्ध में शामिल हो रहे हैं। यह सरकार की नीतियों के कारण देश में पलायन की स्थिति का ताजा उदाहरण है कि देश के बच्चे अमेरिका जा रहे हैं और उन्हें वहां पकड़कर में बांधकर वापस भेजा जा रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा, “देश में निवेश घट रहा है। मेक इंडिया के नाम पर सरकार सिर्फ हैडलाइन बना रही है। देश में रक्षा बजट बढ़ाना चाहिए। दुनिया में बढ़ रहा है, लेकिन हमारे देश में रक्षा बजट सिर्फ चार फीसदी ही बढ़ है। इससे पता चलता है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर कितना ध्यान दे रही है।”

श्री गोगोई ने कहा, “आज मणिपुर को लेकर अनुदान मांगों पर चर्चा हो रही है इसलिए गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री जी को राजधर्म का पालन करते हुए मणिपुर जाना चाहिए और पिछले डेढ़ दाे साल से मणिपुर में जो संकट है उसका समाधान करना चाहिए।”

भाजपा के विप्लव देव ने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर में शांति और विकास के लिए समर्पित होकर काम कर रही है और यही वजह है कि आज त्रिपुरा या अन्य किसी राज्य का नाम लेंगे तो लोगों को मालूम होता है क्योंकि वहां के बारे में श्री मोदी के कारण लोग जानने लगे हैं। श्री मोदी ने जो विकसित भारत की कल्पना की है उसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए की योजना बनाई है और इससे पूर्वोत्तर को बहुत लाभ होगा। पूर्वोत्तर में विकास के जो काम सरकार ने शुरु किये हैं उसका लाभ पूर्वोत्तर के हर आदमी को पहुंच रहा है। उनकी सरकार ने अभूतपूर्व तरीके से पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि बेटियों के लिए जो कदम मोदी सरकार ने उठाए हैं उसका लाभ पूर्वोत्तर के गरीबों को मिल रहा है और वहां गरीब को अब अपनी बेटी के विवाह के खर्च में दिक्कत नहीं हो रही है। उनका कहना था कि आज डाॅक्टर की पढ़ाई क्षेत्रीय भाषा में हो रही है और एमबीबीए की सीटें बढ़ाई जा रही हैं ताकि हर वर्ग का बच्चा डॉक्टर बन सके।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के किसी भी राज्य में देखें तो मोदी सरकार ने वहां विकास की नई ऊर्जा पैदा की है और कोई क्षेत्र विकास से वंचित न रहे इसके लिए पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय की स्थापना की गई है। अब पूर्वोत्तर के छात्र अपनी भाषा में अपने ही घर पर कोचिंग ले रहे हैं और उन्हें कोटा या किसी अन्य स्थान पर कोचिंग के लिए जाने की जरूरत नहीं है।

समाजवादी पार्टी के नीरज मौर्य ने अनुपूरक बजट और मणिपुर के बजट पर चर्चा में कहा कि उत्तर प्रदेश के किसान बहुत परेशान हैं। सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश में खाद की कमी से किसान परेशान हैं। जब खाद लेने जाते हैं तो लाठियां चलायीं जाती हैं। सरकारी स्कूलों में संसाधन नहीं हैं तो गांव गरीब मजदूर किसान के बच्चे कैसे पढ़ेंगे। देश में सबके लिए एक समान शिक्षा हो जाए तो ही भारत विकसित बन सकेगा। बजट से काम नहीं होगा जब तक जमीन पर क्रियान्वयन नहीं होता है, तब तक काम नहीं बनेगा।

उन्होंने कहा कि मणिपुर का बजट वहां की विधानसभा में तय होता तो अच्छा होता। प्रधानमंत्री मॉरीशस से लौटते समय मणिपुर भी हो आयें। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 के बाद से पूर्वोत्तर में हुई हिंसा का 77 प्रतिशत मणिपुर में ही हुआ है। मणिपुर की हिंसा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई है। ऐसे समय जब वहां समाज बंट गया है तो सरकार ने अपने विवेक से फैसले किये हैं जिससे स्थिति खराब हुई है।इस पर हस्तक्षेप करते हुए भाजपा के संबित पात्रा ने कहा कि सदन में मणिपुर की संवेदनशीलता को बनाये रखा जाये। सांसद होने के नाते हमारी भी जिम्मेदारी है। हमें इसका ध्यान रखना चाहिए।

श्री मौर्य ने कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष, जंगल की समस्या, नशे की तस्करी, जैसे अनेक मुद्दे हैं जिनके कारण राज्य में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं। इस पर विचार करके सभी दलों को विश्वास में लेकर सरकार को इसका समाधान किया जा सकता है।

तृणमूल कांग्रेस के कीर्ति झा आज़ाद ने कहा कि 2014 में आये तब कहा गया था कि ना खाउंगा ना खाने दूंगा। लेकिन मैंने खेलों में 400 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला लेकर गया तो चर्चा नहीं हुई और मुझे ही विभीषण की तरह लंका से निकाल दिया गया। रोज़गार के जो दावे किये गये थे, यदि वे सही होते तो 20 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता और 100 करोड़ लोग सुखी जीवन जी सकते थे। लेकिन सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला है। यानी गरीबों की संख्या 105 करोड़ थी। करीब साढ़े तीन करोड़ आयकर दाता हैं। आप तेल, घी, आटा, चावल, पनीर, दूध आदि पर जीएसटी लगाते हैं। यदि सरकार आयकर छूट देने की बजाय जीएसटी में छूट दे दी जाये तो 140 करोड़ लोगों को फायदा हो सकता था।

श्री आज़ाद ने कहा कि पेट्रोल पर डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी भाजपा सरकार ने बढ़ायी। सरकार जीएसटी की बात करने पर जीएसटी परिषद की बात कही जाती है। जीएसटी परिषद में 31 राज्यों में से 20 तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के हैं और केन्द्र को 10 राज्यों की अतिरिक्त शक्ति दी गयी है तो केन्द्र सरकार के हाथ में 75 प्रतिशत की ताकत है। तो फिर पेट्रोल डीजल को जीएसटी में ले आयें। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के समय 112 डॉलर प्रति बैरल की दर के अंतरराष्ट्रीय मूल्य होने के बावजूद 65 रुपए प्रतिलीटर के मूल्य पर पेट्रोल मिलता था और आज 80 डॉलर प्रति बैरल की दर होने के बावजूद पेट्रोल डीजल तीन साल से शतक लगा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 से पश्चिम बंगाल को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का धन नहीं दिया है जिसमें जीएसटी का हिस्सा शामिल है।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम के अरुण नेहरू ने कहा कि भारत ने यूपीआई के क्षेत्र में 23 लाख करोड़ रुपए के भुगतान का रिकॉर्ड बनाया है। हम बार बार आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं लेकिन 23 लाख करोड़ रुपए में से 20 लाख करोड़ रुपए के भुगतान केवल दो अमेरिकी कंपनियों के प्लेटफाॅर्म से करते हैं। यानी हम किसी को डोसा खाने के बाद भुगतान करें तो अमेरिकी कंपनी को हमारे डाटा मिल जाते हैं। डाटा सुरक्षा एक विचारणीय प्रश्न है। उन्होंने कहा कि राज्यों को उनका हिस्सा देने की बजाय सस्ते ऋण लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। केन्द्रीयकरण का तरीका ठीक नहीं है, विकेन्द्रीकरण करना चाहिए।

 

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