EFTA से समझौते से तेज होगी विकास की रफ्तार: ICCI

Pace of development will accelerate with agreement with EFTA: ICCI


नई दिल्ली. भारत और यूरोप के 4 देशों के संगठन यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के बीच 10 मार्च को एक अहम समझौता हुआ. एफटीए के तहत ईएफटीए ने अगले 15 साल में भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है. इस पर इंटीग्रेटेड चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईसीसीआई) के वाईस प्रेजिडेंट डॉ. संदीप पचपांडे कहते है कि ईएफटीए देशों के द्वारा किए जाने वाले निवेश में फार्मा, हेल्थम से जुडे उपकरण और फूड सेक्टर हैं. ऐसे में इन सेक्टर्स में लाखों नौकरियां पैदा होने की संभावना है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी कह चुके हैं कि इस डील से 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है. EFTA के सदस्य देशों में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल है. इस डील में सभी के लिए मौका है और डील से जुड़े सभी देशों को इससे इससे फायदा होगा. वाईस प्रेजिडेंट, आईसीसीआई एफटीए पर हस्ताक्षर को ऐतिहासिक पल बताते हुए कहते हैं कि भारत का ऐसे समूह के साथ पहला आधुनिक व्यापार करार है, जिसमें विकसित देश शामिल हैं. आपको बता दें इस समझौते में 14 अध्याय हैं. इनमें वस्तुओं के व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं का व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल है. भारत को ईएफटीए से अधिक विदेशी निवेश मिलेगा. साथ ही अच्छी नौकरियों में वृद्धि होगी.कुल मिलाकर टीईपीए से हमें अपनी आर्थिक क्षमता का बेहतर इस्तेमाल करने और भारत और ईएफटीए दोनों के लिए अतिरिक्त अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी.

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