राजनाथ ने रूसी समकक्ष के साथ एस-400 प्रणाली और सुखोई-30 के उन्नयन पर चर्चा की

Rajnath discusses S-400 system and Sukhoi-30 upgrade with Russian counterpart

 

नई दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद रूस के अपने समकक्ष के साथ पहली महत्वपूर्ण बैठक में वायु सेना के बेड़े के प्रमुख लड़ाकू विमान सुखोई -30 के उन्नयन, वायु रक्षा प्रणाली एस-400 और मिसाइलों तथा अन्य महत्वपूर्ण साजो-सामान की खरीद तथा आपूर्ति के बारे में गहन विचार विमर्श किया।रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी कर बताया कि श्री सिंह और रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव के बीच गुरूवार को चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर द्विपक्षीय बैठक हुई। दोनों मंत्रियों ने मौजूदा भू-राजनीतिक स्थितियों, सीमा-पार आतंकवाद और भारत-रूस रक्षा सहयोग जैसे विषयों पर गहन चर्चा की।

ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के नेताओं के बीच हाल ही में आयोजित सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक बैठक के दौरान रक्षा उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता विशेष रूप से वायु रक्षा, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, आधुनिक क्षमताओं और हवाई प्लेटफार्मों के उन्नयन पर गहन बातचीत हुई। इसके साथ-साथ महत्वपूर्ण हथियारों जैसे एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति, एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के उन्नयन और तय समय सीमा में महत्वपूर्ण सैन्य साजो-सामान की खरीद तथा आपूर्ति पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।रूस के रक्षा मंत्री ने दीर्घकालिक भारत-रूस संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल के भयावह और कायराना आतंकवादी कृत्य पर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।

उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रूस से खरीदी गयी वायु रक्षा प्रणाली एस-400 ने दुश्मन के सभी इरादों को नाकाम करते हुए उसके मिसाइल, ड्रोन और अन्य हथियारों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया था। भारत हवाई सीमाओं की रक्षा को चाक चौबंद बनाने के लिए सेनाओं को मजबूत वायु रक्षा प्रणाली से लैस करने की दिशा में कदम उठा रहा है।

 

 

 

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