गति शक्ति विश्वविद्यालय में सैन्यकर्मियों को दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण

Special training is being given to military personnel at Gati Shakti University

 

 

नई दिल्ली, डिफेंस लॉजिस्टिक को मजबूती प्रदान करने के लिए भारतीय सेना ने एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गुजरात के वडोदरा स्थित गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के साथ मिलकर शुरू किया गया है और सेना के अधिकारियों के लिए पीएम गति शक्ति – राष्ट्रीय मास्टर प्लान और नेशनल लॉजिस्टिक नीति पर केंद्रित है।सेना के मुताबिक, यह प्रशिक्षण लॉजिस्टिक में सेना की दक्षता और तकनीक को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है जो 21 से 25 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है। भारतीय सेना और जीएसवी ने 9 सितंबर 2024 को इस संबंध में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया था।प्रशिक्षण का उद्घाटन भारतीय सेना के अतिरिक्त महानिदेशक (ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स) मेजर जनरल मोहित त्रिवेदी और जीएसवी के कुलपति प्रो. मनोज चौधरी ने किया। दोनों अधिकारियों ने इस मौके पर जवानों को संबोधित भी किया। उन्होंने देश के विकास और राष्ट्रीय तैयारियों के लिए डिफेंस लॉजिस्टिक्स के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे के प्लानिंग टूल्स को एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला।उद्घाटन कार्यक्रम में 20 वरिष्ठ और मध्यम स्तर के सैन्य अधिकारी शामिल हुए। ये सेना के वे अधिकारी हैं जो लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचे के प्रबंधन में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। इस प्रशिक्षण में राष्ट्रीय मास्टर प्लान में शामिल जीआईएस-आधारित उपकरणों के बारे में व्यावहारिक जानकारी प्रदान की जा रही है। यह पहल सशस्त्र बलों को उन्नत नियोजन और परिचालन क्षमताओं से लैस करके ‘विकसित भारत’ निर्माण के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह अनूठा कार्यक्रम राष्ट्रीय विकास में भारतीय सेना के योगदान को पीएम गति शक्ति से जोड़ रहा है। पीएम गति शक्ति के व्यापक उद्देश्यों के साथ सामंजस्य स्थापित करने में भी यह एक महत्वपूर्ण है। यह सशस्त्र बलों को राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय हितधारकों के रूप में स्थान देता है।

गौरतलब है कि भारतीय सेना को न केवल युद्धक्षेत्र बल्कि अन्य प्रौद्योगिकियों, स्वास्थ्य और विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में भी आधुनिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन आधुनिक प्रशिक्षणों का उद्देश्य भारतीय सेना को भविष्य के लिए तैयार करना और जवानों को नई तकनीक से अवगत कराना है।

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