‘विकशित भारत थ्रू एजुकेशन’ की थ़ीम् पर वेबिनार का सफल आयोजन
Successful organization of webinar on the theme of ‘Developed India through Education

नई दिल्ली. देश में बेहतर शिक्षा के बगैर विकसित भारत की कल्पना करना मुश्किल है. शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न पहलुओं में 2047 में विकसित भारत कैसा दिखना चाहिए, इसके क्या आयाम है, क्या चुनौतियां हैं इस पर इंटीग्रेटेड चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईसीसीआई) ने देश के तमाम मशहूर शिक्षाविदों को जोड्ते हुए एक सफल वेबिनार का आयोजन किया. वेबिनार का थ़ीम् था ‘विकशित भारत थ्रू एजुकेशन’ जिसमें सबसे पहले बोलते AAFT यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह ने कहा कि शिक्षा राष्ट्र की उन्नति की आधारशिला है. हमारा दृढ़ विश्वास है कि बेहतर शिक्षा के दम पर ही हम विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करेंगे. निस्संदेह इस यात्रा में शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. साल 2047 तक भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा. हमें एक ऐसी शिक्षा प्रणाली की कल्पना करनी चाहिए जो सभी भारतीयों को सशक्त बनाए, समावेशी विकास को बढ़ावा दे और उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करे. वेबिनार में बोलते हुए ASM ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूट्स के चेयरमैन डॉ. संदीप पचपांडे कहा कि साल 2047 तक एक गतिशील और सशक्त भारत को विकसित आकार देने के लिए शिक्षा का एक अहम योगदान होगा. आज एजुकेशन का यूनिवर्सल एक्सेस होने की जरुरत है. भारत को सुलभ शिक्षण विकल्पों, लचीले विकल्पों, डिजिटल प्लेटफार्मों, स्थानीय भाषाओं और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए विशेष कार्यक्रमों को चलाने पर फोकस करना चाहिए. ‘विकशित भारत थ्रू एजुकेशन’ थ़ीम् पर बोलते हुए महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर एन के सिन्हा ने कहा कि एजुकेशन में पुराने ट्रैंड को बदलना होगा और इस दिशा में देश मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है. विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से 100 फीसदी सकल नामांकन अनुपात और साक्षरता दर हासिल करने की आवश्यकता है. वेबिनार का कोआर्डिनेशन कन्सेन्ट्रिक्स के सीनियर डायरेक्टर और इंटीग्रेटेड चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईसीसीआई) के डायरेक्टर जनरल कमलेन्दु बाली ने किया. वेबिनार में CEGR के डायरेक्टर रविश रोशन समेत कई शिक्षाविदों ने भाग लिया.
