मतदाताओं के लिए आधार विवरण स्वैच्छिक रूप से साझा करने की व्यवस्था बरकरार रहेगी

The system of voluntary sharing of Aadhaar details for voters will remain

 

नई दिल्ली, निर्वाचन आयोग मतदाता सूची में नामों के दोहराव के मामले में सुधार के लिए काम कर रहा है, हालांकि मतदाताओं द्वारा स्वच्छिक रूप से ‘आधार’ का ब्यौरा साझा करने की कानूनी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा।सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। उनका कहना है कि चुनाव अधिकारियों के साथ आधार विवरण साझा करना ‘निर्वाचन विधि (संशोधन) अधिनियम, 2021’ के तहत स्वैच्छिक है और यह जारी रहेगा। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस संबंध में कानून या संबंधित नियमों में बदलाव की कोई योजना नहीं है।सरकारी सूत्रों से यह सवाल किया गया था कि क्या आधार विवरण साझा करना अनिवार्य बनाने का कोई प्रस्ताव है और क्या विवरण साझा नहीं करने वाले मतदाताओं को चुनाव अधिकारियों के समक्ष विवरण नहीं देने का कारण बताना होगा? उन्होंने कहा कि मूल नियम अपरिवर्तित रहेंगे और फिलहाल कोई प्रावधान जोड़ने का प्रस्ताव नहीं है।मतदाता सूची की शुचिता पर बहस के बीच निर्वाचन आयोग ने पिछले महीने कहा था कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों के साथ निकट समन्वय में मतदाता सूची की नियमित अद्यतन प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा।भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और निर्वाचन आयोग के विशेषज्ञों के बीच मतदाता सूची को आधार से जोड़ने पर तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होगा।निर्वाचन आयोग ने कहा था, ‘‘जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों के साथ निकट समन्वय में मतदाता सूची के नियमित अद्यतनीकरण को मजबूत किया जाएगा।’’मौजूदा कानून के अनुसार, पर्याप्त कारण होने की स्थिति में किसी व्यक्ति द्वारा आधार संख्या प्रस्तुत करने या सूचित करने में असमर्थता जताने पर मतदाता सूची में कोई भी प्रविष्टि नहीं हटाई जाएगी।

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