प्रदूषण में आई हल्की कमी पर सांसों का संकट बदस्तूर जारी
There is a slight decrease in pollution but the problem of breathing continues unabated
नई दिल्ली,राजधानी दिल्ली के प्रदूषण स्तर में सात दिनों बाद हल्की कमी आई है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी बेहद खराब श्रेणी में है, लेकिन सात दिनों बाद सूचकांक 350 अंक से नीचे आया है। हवा की गति बढ़ने और गर्म मौसम को इसका कारण माना जा रहा है। प्रदूषण की रोकथाम के तमाम दावों के बावजूद इस साल भी दिल्ली के लोगों को जहरीली हवा से राहत नहीं मिली है। दीवाली के एक दिन पहले से ही दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में चला गया था। इसके बाद से ही लोग दमघोंटू हवा में सांस ले रहे हैं। आसमान में प्रदूषण की परत छाई हुई है। प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, नाक और गले में खराश जैसी परेशानियां हो रही हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 334 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यानी शनिवार को सूचकांक 352 अंक पर रहा था।सामान्य से सवा दो गुना प्रदूषण : मानकों के मुताबिक, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। दिल्ली-एनसीआर की हवा में रविवार की शाम पीएम 10 का स्तर 231 और पीएम 2.5 का स्तर 131 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंचा गया। यानी हल्के सुधार के बावजूद दिल्ली-एनसीआर की हवा में सवा दो गुने से ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
अभी राहत की उम्मीद नहीं : राजधानी दिल्ली में हवा की रफ्तार बढ़ने और गर्म मौसम की वजह से भले ही प्रदूषण के स्तर में हल्का सुधार हुआ है, लेकिन लोगों को कुल मिलाकर बेहद खराब श्रेणी की हवा से राहत मिलने के आसार अभी नहीं है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक अगले तीन-चार दिनों के बीच हवा की रफ्तार आमतौर पर 10 किलोमीटर से नीचे रहेगी और वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में ही रहेगा।