महाकुंभ के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को आमंत्रित कर रही है उप्र सरकार

UP government is inviting Chief Ministers and Governors of all states for Maha Kumbh

 

नई दिल्ली,उत्तर प्रदेश सरकार 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले के लिए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित करेगी। हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह विशाल धार्मिक आयोजन प्रयागराज में 45 दिनों तक जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक रोडशो में कहा कि गैर-राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) दलों द्वारा शासित राज्यों सहित सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को आमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं।उन्होंने कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को आमंत्रित किया है और हम दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी से भी मुलाकात करेंगे।’’उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें महाकुंभ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।आदित्यनाथ ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भी इस भव्य आयोजन के लिए आमंत्रित किया।

आमंत्रण के तहत मुख्यमंत्री योगी ने गणमान्य व्यक्तियों को विशेष उपहार भेंट किए, जिसमें महाकुंभ 2025 का प्रतीक चिह्न, एक कलश, आयोजन से संबंधित साहित्य, नये साल का टेबल कैलेंडर और एक डायरी शामिल है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शनिवार को नई दिल्ली पहुंचे और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और मिजोरम के राज्यपाल जनरल वी के सिंह से मुलाकात की।इनमें से प्रत्येक को महाकुंभ से संबंधित व्यक्तिगत आमंत्रण और स्मृति चिह्न दिए गए।योगी ने रविवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट करके गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठकों की तस्वीरें साझा की थीं और समय देने के लिए उनके प्रति आभार जताया था।महाकुंभ के आयोजन में बस कुछ ही सप्ताह शेष हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने देशभर से गणमान्य व्यक्तियों और आम जनता को आमंत्रित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट मंत्री व्यक्तिगत रूप से विभिन्न राज्यों में संपर्क अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को महाकुंभ को ‘‘एकता का महाकुंभ’’ बताया और लोगों से इस आगामी भव्य धार्मिक समागम से समाज से नफरत और विभाजन को खत्म करने के संकल्प के साथ लौटने का आग्रह किया। मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘महाकुंभ का संदेश एक हो पूरा देश।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गंगा की अविरल धारा, न बंटे समाज हमारा।’’उन्होंने प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से आयोजित इस समागम में शामिल होने वाले लोगों की विविधता के मद्देनजर कहा कि विविधता में एकता के ऐसे दृश्य का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘महाकुंभ की विशेषता न केवल इसकी विशालता, बल्कि इसकी विविधता में भी है।’’

 

 

 

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