पाकिस्तान को मिलने वाले कर्ज की समीक्षा के लिए भारत का दवाब राजनीति से प्रेरित: इस्लामाबाद

India's pressure to review loans to Pakistan is politically motivated: Islamabad

 

इस्लामाबाद, अगले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक से पहले पाकिस्तान ने भारत की इस घोषणा को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया है कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद वैश्विक ऋणदाताओं को इस्लामाबाद के वित्तीय सहायता कार्यक्रम की समीक्षा करनी चाहिए।समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने शनिवार को अधिकारियों के हवाले से कहा कि आईएमएफ को शामिल करने का भारत का प्रयास ‘पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने के उसके राजनीतिक अभियान का विस्तार है।’आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड विस्तारित वित्तपोषण सुविधा (ईएफएफ) और मजबूती एवं स्थिरता सुविधा के तहत पहली समीक्षा के लिए नौ मई को पाकिस्तान के अधिकारियों से मिलने वाला है।भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह आईएमएफ सहित वैश्विक बहुपक्षीय एजेंसियों से पाकिस्तान को दिए गए धन और ऋण पर पुनर्विचार करने के लिए कहेगा, क्योंकि वह पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी राज्य को कूटनीतिक रूप से घेरना चाहता है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि अधिकारियों का तर्क है कि आईएमएफ को शामिल करने का भारत का प्रयास पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने के उसके राजनीतिक अभियान का विस्तार है।भारतीय अधिकारियों ने पहलगाम में हुए नरसंहार के पीछे पांच आतंकवादियों की पहचान की है – जिनमें तीन पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं।पाकिस्तान ने आरोपों को खारिज कर दिया है और निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के पीछे के आतंकवादियों और साजिश में शामिल लोगों को उनकी कल्पना से परे दंडित करने की शपथ ली।उन्होंने कहा कि देश के दुश्मनों ने न केवल निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, 29 अप्रैल को शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी आजादी है।इस बीच, समाचार पत्र ने पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के एक सलाहकार के हवाले से शुक्रवार को कहा कि देश को पिछले साल मिला सात अरब डॉलर का आईएमएफ राहत पैकेज पूरी पटरी पर है। इस्लामाबाद को मार्च 2025 में जलवायु लचीलापन निधि के जरिये अतिरिक्त 1.3 अरब डॉलर भी मिले।

 

 

 

 

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