भारत का मज़बूत नेतृत्व संसार के संकट का संकटमोचक साबित होगा : नकवी

India's strong leadership will prove to be a troubleshooter in the world's crises: Naqvi

 

वाराणसी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने रविवार को कहा कि विश्व के संकट-कंटक, उथल-पुथल के बीच भारत का मज़बूत नेतृत्व तथा ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ का संस्कार, संस्कृति, सोच, संकल्प संसार के संकट का संकटमोचक साबित होगा।श्री नकवी ने यहां भाजपा सदस्यता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की समावेशी संस्कृति, सरकार के स्थायित्व और निर्णायक नेतृत्व के प्रति दुष्प्रचार करने वालों से हमें होशियार रहना होगा, भारत की अनेकता में एकता की ताक़त को तार-तार करने में जुटे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय साज़िशी सिंडीकेट की धूर्ततापूर्ण धुन को हमें मिल कर धूलधूसरित करना होगा।श्री नक़वी ने कहा,“अल्पसंख्यक विशेषकर मुसलमान ‘भाजपा से एलर्जी को विरोधियों की एनर्जी’ बनाने से बचे, और सियासी समझदारी की सोंच से समावेशी सशक्तिकरण का रास्ता चुनें।” उन्होंने कहा,“दशकों से भाजपा से दूरी को मुसलमानों की मजबूरी बनाकर कुछ सामंती सियासी सूरमां ‘हिन्दुत्व का भय- इस्लामोफोबिया के भौकाल’ के भंवरजाल से प्रभावित राष्ट्रीय-राष्ट्रवादी राजनैतिक दल के प्रति अस्पृश्यता और असहिष्णुता के रिवाज-मिज़ाज भारतीय मुसलमानों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक सशक्तिकरण का रोड़ा साबित हुए हैं।”

श्री नकवी ने कहा कि कुछ सियासी सामन्ती सूबेदारों के संविधान, लोकतंत्र, सेक्युलरिज़्म और अल्पसंख्यकों पर ख़तरे के हॉरर शो का मकसद देश के दलितों, कमज़ोर तबकों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को प्रगति की राष्ट्रीय धारा से अलग-थलग करने की सोंच और साजिश से भरपूर है, ताकि उनकी ग़रीबी-पिछड़ेपन को राजनीतिक शोषण का शस्त्र बनाकर अपना सियासी साम्राज्य सुरक्षित रख सकें। श्री नकवी ने कहा,“मुसलमानों का भाजपा के साथ आखं-मिंचौली का खेल, हरफ़नमौला खानदानी खिलाड़ियों का खिलौना बन गया है, जिसका नतीजा है कि यह हरफ़नमौला तथाकथित सियासी सेक्युलर सिंडिकेट मुस्लिम वोटों के जागीरदार-ठेकेदार बन बैठे हैं।” श्री नकवी ने कहा कि दशकों से चले आ रहे मुसलमानों के ‘भाजपा हराओ रिवाज को भाजपा जिताओ मिज़ाज’ में बदलने के लिए हमें समाज में पैदा किए गए भय-भ्रम को भरोसे में बदलने के लिए भरसक प्रयास करना होगा, हमें गर्व से कहना होगा कि जब भाजपा ने किसी के विकास में कमीं नहीं की तो विश्वास में कंजूसी नाजायज़ है।

श्री नक़वी ने कहा कि भाजपा और मोदी-योगी ने तुष्टीकरण के सियासी छल को सशक्तिकरण के समावेशी बल से ध्वस्त कर समावेशी विकास-सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण की प्राथमिकता से विकास तथा विश्वास का पुख़्ता माहौल एवं वैश्विक स्तर पर भारत की धाक-धमक को मजबूत किया है। श्री नक़वी ने कहा कि आज विश्व में संकट, कंटक, उथल-पुथल के बीच भारत के लिए स्थायित्व से भरपूर सरकार और निर्णायक नेतृत्व जरूरी है। भारत ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के संस्कार, संस्कृति , संकल्प के साथ मानवता के लिए शान्ति, सद्भाव, सुरक्षा की शक्तिपीठ है। श्री नक़वी ने संसद में आए वक़्फ संशोधन विधेयक पर कहा कि वक़्फ व्यवस्था की असंवैधानिक अराजकता को संवैधानिक प्रतिबद्धता के दायरे में लाना वक़्फ और वक्त की जरूरत है, जेपीसी में चल रहे मंथन से अमृत जरूर निकलेगा, इस संवैधानिक सुधार पर सांप्रदायिक वार से सावधान रहना होगा। वक़्फ सुधार किसी भी वैध धार्मिक स्थल या धार्मिक कर्तव्य को रोकने या रोड़े के लिए नहीं बल्कि वर्तमान वक़्फ सिस्टम के प्रति अविश्वास के माहौल को विश्वास में बदलने के लिए है।

श्री नक़वी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नेहरू-इन्दिरा जी से ज्यादा लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक मर्यादाओं और पंथनिरपेक्ष संकल्प के झंडाबरदार हैं, इसके लिए किसी ‘सियासी सेकुलर सिन्डीकेट के सर्टिफिकेट’ की जरूरत नहीं है। उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक़्फ एवं हज, दानिश आज़ाद अंसारी, वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली एवं अन्य प्रमुख लोग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

 

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