ऑस्ट्रेलिया में पहलगाम में मारे गए हिन्दुओं को श्रद्धांजलि,आतंकवाद के खिलाफ उठी आवाज
Tribute paid to Hindus killed in Pahalgam in Australia, voice raised against terrorism
सिडनी/ऑस्ट्रेलिया, 27 अप्रैल – रविवार को सिडनी के वेंटवर्थविल में भारतीय समुदाय के सैकड़ों लोगों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष हिंदुओं की हत्या के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई। इस दौरान, भारतीय मूल के नागरिकों ने कैंडल मार्च निकाला और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। यह कार्यक्रम हिंदू सर्व संघ संस्था द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाई गई और शोक व्यक्त किया गया।
आतंकी गतिविधियों के बढ़ते प्रभाव और उनके द्वारा हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने पर गहरा शोक और गुस्सा व्यक्त करते हुए, हिंदू सर्व संघ की प्रधान और समाजसेवी विजयालक्ष्मी ने अपनी चिंताएं साझा कीं। उन्होंने कहा, यह घटना सिर्फ कश्मीर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़े पैमाने पर देश में अस्थिरता फैलाने की साजिश का हिस्सा है। आतंकवादियों ने निर्दोष अहिंसक हिंदुओं को नाम और धर्म के आधार पर निशाना बनाया, जो कि अत्यंत क्रूर और अमानवीय कृत्य है।
विजयालक्ष्मी ने भारत सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील करते हुए कहा की, इस प्रकार के आतंकवादियों को सरेआम फांसी दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी को भी ऐसा दुस्साहस करने का मौका न मिले। उन्होंने यह भी कहा कि, आतंकवादियों ने हमारे देश का माहौल खराब करने का प्रयास किया है। उन्होंने हजारों घरों के दीपक बुझा दिए हैं और कई परिवारों के जीवन को पूरी तरह से प्रभावित किया है।
सिडनी में आयोजित इस शोकसभा में सैकड़ों भारतीय मूल के लोग एकत्रित हुए। उन्होंने पहलगाम में मारे गए निर्दोष हिंदुओं के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की। इस कार्यक्रम के दौरान कैंडल मार्च का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी नफरत और विरोध प्रकट किया। इसके बाद, सभी ने दो मिनट का मौन रखा और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर समाजसेवी संपत, कश्मीरी पंडित एसोसिएशन सिडनी के शरद हांडू, रमिया जी और अन्य प्रमुख हिन्दू संगठनों के लोग भी मौजूद थे। सभी ने शोक सभा में भाग लिया और आतंकवादियों के खिलाफ अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की।
इस आयोजन का महत्व केवल श्रद्धांजलि अर्पित करने तक सीमित नहीं था, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ एक वैश्विक आवाज उठाने का भी प्रतीक था। यह कार्यक्रम यह दर्शाता है कि भारतीय समुदाय केवल भारत में नहीं, बल्कि विदेशों में भी आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ अपनी चिंता और विरोध व्यक्त करता है।
सिडनी में आयोजित यह कार्यक्रम हिंदू समुदाय की एकजुटता और देश के प्रति उनके संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। इसके माध्यम से एक मजबूत संदेश दिया गया कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एकजुट होकर संघर्ष किया जाएगा। इस शोकसभा ने यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हर भारतीय व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है और हमें इसे एकजुट होकर समाप्त करना होगा।